IPS संजीव भट्ट गुजरात दंगों में मारे गए हज़ारों पीड़ितों के साथ खड़े हुए, सच बोला और जेल गए। लेकिन ऐसे लगता है जैसे इस देश ने अपने इस बेटे को विस्मृत कर दिया है। वो अफ़सर, जेल में कैसे वक्त बिताता है, अपने परिवार को याद करता है, उसके बच्चे क्या अनुभव करते हैं, किसी को नहीं पता।