स्वर्गीय सुंदर सिंह भंडारी जी के शब्द आज भी मेरे कान में गूँजते हैं। उन्होंने कहा था कि “कोई भी यह न समझे कि वो MLA और MP परमानेंट है, यह संगठन का निर्णय है, Sitting and getting is not the rule”. सादगी उन्होंने ओढ़ी नहीं थी यह उनके व्यक्तित्व में थी।